कहना बहुत था पर तू आया नहीं
बहना था पर तू बीत गया।
तू वक्त की घड़ी थी तू घूमती रही
मैं समय का पहिया था मैं बढ़ता रहा।
काल तेरा प्रलय था, महाकाल मेरा लय था
इस चक्र में फंसने का पुराना ये खेल था।
पहली सांस से खेलते रहे हैं आखिरी सांस तक खेलते रहेंगे
पर इस वक्त के बीच कभी वक्त को समझ न पाएंगे।