इंतज़ार

इंतज़ार समय के आने का था इंतज़ार वक्त के जाने का था अपने आप को दूर जाते देख इंतज़ार वापस मुड़ने का था। इंतज़ार कुछ पाने का था इंतज़ार कुछ…

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हवा

सुन जरा, तू गौर कर वो हवा नहीं, आवाज है बढ़ती हुई तकलीफ नहीं एक प्यारा सा एहसास है। जिसका साथ तू छोड़ बैठा है वो तेरा हाथ पकड़ना चाहती…

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वक्त

कहना बहुत था पर तू आया नहीं बहना था पर तू बीत गया। तू वक्त की घड़ी थी तू घूमती रही मैं समय का पहिया था मैं बढ़ता रहा। काल…

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समझ

चेहरे पे बने दुख को देख खुशी को तूने भुला दिया हाथों पे बने जख्मों को देख हृदय का सुकून तूने अवहेल दिया। अंगारों पे चले कदमों को तू जले…

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आत्मन्

खुद में खुद को खोजने में तेरी अपनी एक लगन थी खयालों में उलझने पे चेहरे पे अलग मुस्कान थी। क्या दूर और क्या पास न इसकी कोई समझ थी…

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